KABIR KE DOHE-कबीर के दोहे
गुरुदेव का अंग |
सहज का अंग |
जीवन मृतक का अंग |
सुमिरन का अंग |
सांच का अंग |
चित कपटी का अंग |
बिरह का अंग |
भ्रम का अंग |
गुरु शिष्य का अंग |
ज्ञान विरह का अंग |
भेष का अंग |
स्नेह का अंग |
परचा का अंग |
कुसंगती सदसंगति का अंग |
सुरातन का अंग |
रस का अंग |
साधु असाधु का अंग |
काल का अंग |
लंबी का अंग |
साधु साषिभुत का अंग |
संजीवनी का अंग |
जर्णा का अंग |
साधु महिमा का अंग |
अपारिष परिष का अंग |
हैरान का अंग |
मधि का अंग |
उपजणी का अंग |
लै का अंग |
सारग्राही का अंग |
दया का अंग |
निहकर्मी का अंग |
बिचार का अंग |
सुंदरी का अंग |
चितावणी का अंग |
उपदेश का अंग |
कस्तूरी मृग का अंग |
सुषमना मार्ग का अंग |
बेसास का अंग |
निंदा का अंग |
सुषमना जनम का अंग |
पीव का अंग |
निगुणा का अंग |
माया का अंग |
वर्कताई का अंग |
बिनती का अंग |
चांणक का अंग |
सम्रथाई का अंग |
साशी भूत का अंग |
कथनी करनी का अंग |
कुसबद का अंग |
बेली का अंग |
कामी नर का अंग |
सबद का अंग |
अहिबड का अंग |
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